Sunday, 18 December 2016

एड्स - जीओ और जीने दो

एड्स का मरीज
उससे दूर रहना या पास जाना
तिरस्कार करना या अपनाना
इस सोच से निजात पाइए
इस किन्तु - परन्तु को छोड उसे प्रेम से गले लगाइए
एड्स मर्ज है मौत नहीं
अपने मन का विस्तार करो
उसे समझो ,अपनाओं और प्यार दो
मौत से पहले जिंदगी मत छीनो
जिंदगी को जीने का शानदार मौका दो
मरीज को इंसान समझो ,लाश नहीं
जिंदगी को खुल कर जीने दो
उससे बचो नहीं उसे बचाओ
भागो नहीं अपनाओ
इंसान बनना है हैवान नहीं
मौत के मुहाने पर खडी जिंदगी
हँसने और खिलखिलाने दो
जब तक जीवन है उसे जी लेने दो
बस अपने मानसिक क्षितिज का विस्तार करो
स्वयं भी जीओ और दूसरों को भी जीने दो .

No comments:

Post a Comment