Wednesday, 21 December 2016

जीवन के रंग

जीवन के रंग निराले
हर दिन नया हर पल नया
क्षण- क्षण बदलता मौसम यहॉ
एक पल खुशी तो दूसरे पल गम
ऑखमिचौली चलती रहती है
कभी उजाला तो कभी अंधेरा
कभी उत्साह तो कभी निराशा
कभी शांति तो कभी कोलाहल
कौन- सा रंग कब बदल जाय
किस क्षण बदल जाय ???? .
अपनी- अपनी तूलियों से रंग देने की कोशिश
अनवरत प्रयास सदियों से
चटक रंग देने की कोशिश
पर पता नहीं वह भी धूमिल हो जाता
रंग भी है तूलिका भी
न जाने चित्रकार ने न जाने कौन- सा रंग भरा है
रंग तो अनेक है
हमारे हिस्से में कब और कौन- सा रंग आएगा ???

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