अब तो सुध लो सरकार
आरक्षण - आरक्षण - आरक्षण
खत्म करो यह बवाल
एक करो देश को , एकता में बॉधों देश को
जाति ,वर्ग ,धर्म में देश को बॉटा इस आरक्षण ने
टूकडे- टूकडे में बंट गए देशवासी
किस - किसको आरक्षण
मत दो किसी को ,सबको एकरूप करो
आधुनिक भारत की तस्वीर बदलो
धर्म- जाति को छोडो
व्यक्ति और परिस्थिती को देखो ,निर्णय लो
आपस में भेदभाव मत निर्माण करो
आरक्षण के नाम पर राजनीति का गंदा खेल
मत खेलने दो हमारे राजनेताओं को
युवाओं में बेकारी ,प्रतिभा की अवमानना
नैराश्य और द्वेष की भावना
यह तो नहीं था इसका उद्देश्य
बाबासाहब तो समानता के पक्षधर थे
.पर यह तो असमानता को फैला रही है
नई पीढी में आक्रोश को जन्म दे रही है
आज यह पीढी प्रश्न कर रही है
हमारा क्या कसूर
हमारे दोस्त को आरक्षण ,हमें क्यों नहीं ???
उच्च जाति में जन्म लेने में हमारा क्या दोष
हम भी तो गरीब है
हम मेहनत कर पढाई करते हैं
पर हमें एडमीशन क्यों नहीं ???
हमारी फीस क्यों ज्यादा??
हमें नौकरी क्यों नहीं ??.
हम भी तो इसी देश के हैं
विकास की गति अवरूद्ध हो रही है
प्रतिभा और योग्यता की कद्र न हुई
तो देश गर्त में चला जाएगा
पटेल आंदोलन ,मराठा आंदोलन तो इसकी शुरूवात है
समानता का अधिकार दो
योग्यता का सम्मान करो
देश को एकसूत्र में लाओ
खत्म करो आरक्षण
नहीं तो यह भस्मासुर ,विकराल रूप धारण कर लेगा
संविधान पर नए सिरे से विचार करना होगा
भारत को नवयुग का निर्माण करना होगा
जहॉ प्रतिभा अपना परचम फहराए
वह आरक्षण के कारण घुट कर न रह जाए
सबको मौका ,सबको सहूलियत
तभी तो होगा देश का विकास
कुछ तो करो सरकार
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