चुनाव का मौसम और प्रत्याशियों की भरमार
पार्टियॉ तो है ही उनके अपने चुनाव चिन्ह भी
क्षेत्रवादी पार्टियॉ और निर्दलीय भी है उम्मीदवार
सबको एक चिन्ह जरूर चाहिए
जनता पहचानेगी कैसे???
मत कैसे देगी ???
चरखा और गाय- बैलों की जोडी से शुरू हुआ आज झाडू तक आ पहुंचा है
अब तक झाडू उपेक्षित पडा था उसने एक चुनाव में सब पर झाडू फेर दिया
हॉ , उस समय हर जगह झाडू ही दिखाई दे रहा था
पर स्वच्छता का कहीं पता नहीं
भ्रष्टाचार की गंदगी में से उबारने के लिए निकला यह झाडू कहॉ है ???
हाथ जो कभी साथ नहीं छोड सकता , आज सब उसका साथ छोड रहे हैं
कब फिर से पकडेगे और कब अच्छे दिन आएगे ??
साइकिल के लिए तो विवाद चला पर तेज गति पकडने से पहले ही वह पंक्चर हो गया
कब ठीक होगा पता नहीं
कब तेज रफ्तार पकडेगी ???
लालटेन तो किसी के सहयोग से जला पर फिर उसने हाथ खीच लिया
अब बिना तेल - बाती के लालटेन बिसूर रहा है
हाथी की मस्त - मस्त चाल बीच में गायब हो गई थी वह अचानक से बैठ गया था
पर अब उठने की कोशिश कर रहा है
शेर की दहाड अभी कायम है अब वह अपनी गुफा से बाहर भी निकल रहा है
हॉ , कमल खूब खिल रहा है
कीचड से बाहर तो आ गया है पर कभी - कभी कुछ छिटे उसकी ही पंखुडियों से उड कर आ जाते हैं
उनसे बचकर रहना है
यह तो बडी पार्टियॉ है
छोटी - छोटी न जाने कितने चिन्ह है
अब तो सोचना पडेगा कि कौन- सा किसको दिया जाएगा
पता चला भविष्य में फिल्मों की तरह इनका भी रिमेक बनेगा
और जनता पशोपेश में पडेगी कि कौन- सा पहला है कौन - सा दूसरा
कौन ओरिजनल है और कौन डुप्लीकेट
Hindi Kavita, Kavita, Poem, Poems in Hindi, Hindi Articles, Latest News, News Articles in Hindi, poems,hindi poems,hindi likhavat,hindi kavita,hindi hasya kavita,hindi sher,chunav,politics,political vyangya,hindi blogs,hindi kavita blog
Wednesday, 13 December 2017
चुनाव चिन्ह का पडा अकाल
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment