Friday, 1 June 2018

हवा

हवा चलती है
हम साँस लेते हैं
हवा आती-जाती है
साँस भी आती -जाती हैं
हम जीवित रहते हैं
हवा न रहेगी तब हम भी न रहेंगे
इसे न रोके न टोके
मनमौजी करने दे
भटकने दे
बांध कर मत रखना
साँसों की डोर है यह
दूषित भी नहीं करना है
ख्याल रखना है
यह न चलेगी तो जीवन भी नहीं चलेगा
यह साधारण नहीं है
हमारी जान है
यह सुकून है
यह अटकी तो हमारी साँस अटकी

No comments:

Post a Comment