आता है हर कोई खाली हाथ
पर जाता नहीं
आता है रोते हुए जाता है रूलाते हुए
पानी की ग्लास आधी भरी या रिक्त
यह विचार का विषय
पर हर शख्स अपना भाग्य लेकर आता है
अपनी शख्सियत को आजमाता है
राजा हो या रंक
सपने तो हर कोई सजाता है
सपने ,यादें ,प्रेम, ममता से सबकी झोली भरती
सबके सपने रंगीन होते हैं
आशाएँ बलवती होती है
ख्वाब बडे होते हैं
इच्छाओं का खजाना होता है
हर जीवन मे कुछ न कुछ अवश्य होता है
जो उसे जीना सिखाता है
कोई रीता नहीं जाता
कोई गगरी खाली नहीं रहती
आपनो की यादें
अपने सपने सब साथ ही जाते हैं
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Thursday, 2 August 2018
कोई खाली हाथ नहीं जाता
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