Thursday, 2 August 2018

कोई खाली हाथ नहीं जाता

आता है हर कोई खाली हाथ
पर जाता नहीं
आता है रोते हुए जाता है रूलाते हुए
पानी की ग्लास आधी भरी या रिक्त
यह विचार का विषय
पर हर शख्स अपना भाग्य लेकर आता है
अपनी शख्सियत को आजमाता है
राजा हो या रंक
सपने तो हर कोई सजाता है
सपने ,यादें ,प्रेम, ममता से सबकी झोली भरती
सबके सपने रंगीन होते हैं
आशाएँ बलवती होती है
ख्वाब बडे होते हैं
इच्छाओं का खजाना होता है
हर जीवन मे कुछ न कुछ अवश्य होता है
जो उसे जीना सिखाता है
कोई रीता नहीं जाता
कोई गगरी खाली नहीं रहती
आपनो की यादें
अपने सपने सब साथ ही जाते हैं

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