स्वच्छता का बिगुल बजा है
प्रधानमंत्री का सपना है
तब तो हम सबका भी है
हर व्यक्ति प्रण ले
तब जाकर होगा साकार
स्वतंत्रता तो मिल गई
पर मायने समझना बाकी है
घर ही नहीं
देश भी हमारा है
यह संदेश जन जन तक पह़ुंचाना है
सड़कें हमारी
देश की संपत्ति हमारी
नदी हमारी सागर हमारा
पर्वत हमारा, जंगल हमारा
पेड़ हमारे
लोग हमारे
फिर दूषित क्यों
स्वच्छता की जिम्मेदारी हर नागरिक की
हर व्यक्ति सेवक है देश का
स्वच्छता और स्वास्थ्य
अटूट नाता है इनका
ईश्वर भी तभी प्रसन्न होगे
जब सफाई होगी
वहाँ उनका तभी वास होगा
साफ - सफाई होगी
तब निखर उठेगा हिंदूस्तान
चमकेगी जब हर सडक -मैदान
तभी तो भारत विश्व शक्ति बनेगा
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Wednesday, 19 September 2018
स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत
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