Sunday, 11 November 2018

जिंदगी

जिंदगी बहुत जिद्दी है
वह जब अड़ जाती है
तब मनवा कर ही छोडती है
बाद मे परिणाम कुछ भी हो
अपने आगे किसी की नहीं चलने देती
हम सोचते कुछ है
यह करती कुछ है
हर दिन इसका नया होता है
रात के समय सोचती कुछ
सुबह होते ही पलट जाती है
हमें सोचने और संभलने का मौका भी नहीं देती
अपने भंवर जाल मे उलझा कर
ताउम्र नचाती है
और कब साथ छोड़ जाएगी
यह भी नहीं बताती।

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