जीवन बहुत सीधा है
आना और जाना है
इसको जीना बस टेढा है
इस आने जाने की प्रक्रिया मे उलझ कर रह जाना है
आज कल और आज का चक्कर चलता रहता है
यह चक्र घूमता रहता है
सबको घूमाता गोल गोल
सब कुछ जानता समझता
फिर भी बनता अंजान है
इसका स्वयं ठिकाना नहीं
बस सपनों के जाल बुनता है
सपने पूरे हुए तो वाह वाह
नहीं तो फिर आह आह
चाहता तो बहुत कुछ
आसमान की उड़ान भरना
पर पंख भी तो हो मजबूत
आए और गए
कोशिश करते रहे
पर सब कुछ यही छोड़ गए
बस छह गज जमीन
यही हवाले रह गया
पैसा रुपया संपत्ति
कुछ काम न आया
जीवन भर जूझते रहे
मृत्यु से न जूझ पाए
ऐसी पटखनी दी
सब धरा का धरा पर रहा
जहाँ से आना हुआ
वही जाना भी
खाली हाथ आए
खाली हाथ जाएंगे
Hindi Kavita, Kavita, Poem, Poems in Hindi, Hindi Articles, Latest News, News Articles in Hindi, poems,hindi poems,hindi likhavat,hindi kavita,hindi hasya kavita,hindi sher,chunav,politics,political vyangya,hindi blogs,hindi kavita blog
Monday, 19 November 2018
जीवन कैसा ??
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment