मैं छोटा बच्चा
उससे बडा मेरा बस्ता
पीठ भले मजबूत न हो
भारी भरकम बस्ता पीठ पर लदा
दबा जा रहा हूँ इससे
यह बोझ ही थका डालता
तब मैं क्या करता
कैसे पढाई मे मन लगाता
पढाई भी बोझिल लगती
स्कूल आने का मन न करता
बस सोते रहू और खेलते रहूं
क्योंकि यह बस्ता मुझे न भाता
इसके अंदर की किताबें काँपी
वह तो देखते ही रूह कांप जाती
एक विषय की चार चार
फिर उस पर से होमवर्क
क्या करू क्या न करु
टीचर से डर लगता
इसलिए कुछ कर लेता
गुस्सा आता है
सब मेरे पीछे पडे हुये
किसी को दया नहीं
कोई मेरे बारे में सोचता नहीं
मन मे आता है
चीख चीख कर बोलू
अरे , बच्चे की जान लोगे क्या
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Wednesday, 28 November 2018
बच्चे की जान लोगे क्या??
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