टेलीविजन है यह
घर भर का प्यारा
बूढ़े ,बच्चे और जवान
सब इस पर है फिदा
हाथ मे जिसके रिमोट रहता
घर पर उसका राज रहता
चौबीस घंटे चलता
कभी न विश्राम करता
हर एक की पसंद का ख्याल रखता
फिर दादी का हो प्रवचन
बबलू का हो कार्टून
पापा का समाचार
मम्मी का धारावाहिक
हंसाता है
रुलाता है
ज्ञान की बात बताता
मनोरंजन का भार संभालता
उदासी को दूर करता
थकान मिटाता
अकेले पन का भी यह साथी
सबको पास भी लाता
इसे देखने बहाने ही सही
सब एक साथ तो बैठक जमाते
शहर हो या देहात
धर्म हो या प्रांत
जात पात ,ऊंच नीच
नहीं करता कोई भेदभाव
दूनिया की खबरें हम तक पहुंचाता
वर्ल्ड टूर करवाता
ब्लेक एंड व्हाइट से
बदला रूप अपना
अब तो दीवार पर भी टंग जाता
कहते है इसको इडियट बाँक्स
पर हम तब भी है इसके दीवाने
टी वी हर जीव का प्यारा
परिवार का दुलारा
रहे सलामत हमेशा
मनोरंजन करें जी भर
टी वी है जहाँ
... खुशी है वहाँ
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