हवा जरा झुक जा
प्रेम से सहला जा
हम तो है तेरे ही सहारे
तुझसे ही तो जिंदगी हमारी
हवा कहती मुस्कुराते
मैं भी तो तुम्हारे सहारे
जैसा दोगे वैसा पाओगे
तुम मुझे प्रदूषित मत करो
मैं दोनों हाथों से तुम पर प्यार लुटाऊंगी
हौले हौले सहलाऊंगी
तुम तो मेरे बच्चे हो
तुमसे दूर भला मैं कैसे रह पाऊंगी
हाँ , नाराज हूँ बस
यह तो मेरा अधिकार हैं
बच्चों को विनाशकारी नहीं बनाना है
जीना और जीने का मंत्र सिखाना है
दर्द तो मुझे भी होता है
तुमको इस तरह मरते मैं नहीं देख सकती
जल्दी ही सचेतो
मैं बचूंगी तब ही तुम बचोगे
तुम्हारे विनाश की जिम्मेदारी अपने कंधों पर नहीं ढोना चाहती
तुम्हें ताजा तरीन और मुस्कुराते देखना चाहती हूँ ।
No comments:
Post a Comment