Friday, 25 January 2019

नमस्कार

झुकना यानि नतमस्तक होना
अपने अभिमान - गर्व को परे रख
झुकने वाला झुका
तब जिसके आगे झुका
उसे भी अपना सारा राग द्वेष एक तरफ
मुंह से दुआ
आशिर्वाद वाला हाथ सर पर
कितना अच्छा नियम है यह हमारे पूर्वजों का
हर मौके
हर त्योहार
हर रस्म
एक - दूसरे को अभिवादन
अपना बना लेना
आदर और प्यार का आदान प्रदान
चरण स्पर्श ,नमस्कार
सारा गिला शिकवा मिटा देता है
यह प्रबल हथियार है इंसान का
झुकना है तो प्रेम से
देना है तो आदर
अपनाना है मन से
मन और नम
नमस्कार से दोनों हाथ ही नहीं
हमारे दिल भी जुड़ते हैं
दिल से दिल का जुड़ाव
यही है जीवन आधार
संसार का सार

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