सृष्टि का एक नियम हैं
जो बांटोंगे
वही आपके पास
बेहिसाब होगा
फिर वह चाहे
धन हो , अन्न हो
सम्मान हो , अपमान हो
नफरत हो
या
मोहब्बत
तिल - गुड़ खाओ
.मीठा मीठा बोलो
स्वयं प्रसन्न रहो
दूसरों मे भी प्रसन्नता बांटो
सुख दो दुख नहीं
दूख मे भागीदार बनो
कारण नहीं
आपकी सहानुभूति और अपनापन किसी के घाव पर मरहम लगा सकता है
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