पशु आखिर पशु है
पशुता उसका धर्म और कर्म
नोचना और खसोटना
काटना और मारना
चिल्लाना और चिंघाड़ना
बेखौफ और डरावना
मनुष्य आखिर मनुष्य है
प्रेम और नम्रता
दया और करुणा
सहयोग और सद्भभावना
इंसानियत और मानवता
यही वजह से दोनों अलग
नहीं तो दोनों मे कोई फर्क नहीं
शरीर ही नहीं
मन है भावना है
पशुता से परे मानवता है
तभी तो वह
एक पशु है
दूसरा मानव है
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