Wednesday, 30 January 2019

शब्द अनमोल है

शब्द मर्म है
शब्द माया है
शब्द ममता है
शब्द त्याग है
शब्द आँसू है
शब्द स्नेह है
शब्द अपनत्व है
शब्द गति है
शब्द धडकन है
शब्द प्रेरणा है
शब्द घृणा और तिरस्कार भी है
शब्द विरह है
शब्द संपत्ति है

जीवन को चलायमान
जीवन को गतिशील
जीवन को सार्थक
जीवन को दूसरों के साथ जोड़ना
यही उसका कर्म
उसका धर्म
उसका सत्य

शब्द का भंडार विशाल
उसमे गोते नहीं लगाना है
संपत्ति को संभाल कर रखना है
सोच समझ कर खर्च करना है
यह विशाल संपदा
बेबात पर व्यर्थ नहीं करना है
अनमोल है
इसके मोती को चुनकर इस्तेमाल करना है

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