Saturday, 16 February 2019

पुलवामा का बदला लेना ही है

बहुत हो चुका ,अब तो देना है मुंहतोड़ जवाब
अब बातचीत नहीं
अब तो करना है प्रहार
पडो़सी से अब दोस्ती नहीं
दूश्मन समझ कर बदला लेना है
शहीदों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाने देना है
कब तक शांति और अहिंसा के नाम पर
पड़ोसी का घात सहेंगे
अब तो हाथ पर हाथ नहीं धर कर बैठना है
खून का बदला खून से
जान का बदला जान से
जवानों की जान इतनी सस्ती नहीं
वे हमारे रक्षक है
उनका परिवार देश का परिवार
उनको रोते बिलखते देखना
यह तो किसी को सहन नहीं
आघात किया है
पीठ मे छूरा भोका है
कहता कुछ करता कुछ
ऐसीे निर्लज्जता  पर विश्वास नहीं करना है
आदत पड़ गई है हमारे इस नापाक पड़ोसी को
वार करने की
दहशतगर्दी फैलाने की
पाकिस्तान नहीं दहशतस्तान है
कातिलेस्तान है
खूनीस्तान है
उसका मजहब और ईमान
खूनी खेल खेलना है
इसको ऐसा जवाब दे
फिर सर न उठा सके
हमारे हुक्मरानों को कठोर निर्णय लेना ही पड़ेगा
आए दिन जान जा रही है
कभी नागरिकों की
कभी पुलिस - सेना के जवानों की
हमें हो क्या गया है
मूकदर्शक बन गए हैं
लाचार हो गए हैं
कमजोर पड़ गए हैं
अगर नहीं तब
तो पुलवामा का बदला
पुरजोर तरीक़े से लेना है
उसको बताना है
हमसे दुश्मनी भारी पड़ेगी

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