Friday, 22 February 2019

प्रकृति से जी भर कर प्यार करें

हमें फूलों की ताजगी चाहिए
पक्षी की चहचहाहट चाहिए
पशुओं का साथ चाहिए
सूरज की रोशनी चाहिए
चंद्रमा की चांदनी चाहिए
पेड़ से आँक्सीजन चाहिए
समुंदर की कलकल चाहिए
झरने की झर झर चाहिए
बारिश की फुहार चाहिए
जमीन से अनाज चाहिए
धरती मां से संतुलन चाहिए
पर्वत की विशालता चाहिए
हमें जंगल चाहिए
वनोअषौधि चाहिए
हमें खनिज चाहिए
नदी से जल चाहिए
हमें जीवन संपूर्ण चाहिए
इस संपूर्णता को बरकरार रखना है
तब प्रकृति की
पर्यावरण की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी हमारी अपनी है
आधिकार चाहिए
   तब
कर्तव्य का भी भान रहना चाहिए
जीना है
जीने देना है
सबको साथ लेकर
प्रकृति के कण कण से प्रेम करना है
प्रकृति जी भर देती है
हम भी जी भर कर सम्मान करें
स्वयं विचरण करें स्वतंत्र
दूसरों से भी उनकी स्वतंत्रता न छीने
उन्हें नष्ट न करें ।

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