माता से संतान का प्रथम परिचय
माता की भाषा ही संतान की भाषा
यह संपदा है
जो माता से मिली
इसमें प्रेम है
आत्मसम्मान है
यह हमारे मन के करीब होती है
हमारा परिचय
हमारी पहचान
संसार मे आते ही इससे पहचान
इसे भूलना नहीं
दूसरों का सम्मान करें
दूसरी भाषा सीखे
पर अपनी मातृभाषा को न भूले
याद रहे
जो अपनी माता का सम्मान नहीं कर सकता
वह दूसरों का क्या.करेगा
माता ,मातृभाषा ,मातृभूमि
इनको भूलना नहीं
विकास कितना भी करें
पर पहली पायदान तो यही है
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Thursday, 21 February 2019
अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस
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