एक बम का धमाका
सब खत्म
सरहद पर तैनात सिपाही
न किसी से बैर न द्वेष
व्यक्ति गत कोई विवाद नहीं
न जान न पहचान
वह अपने देश की सुरक्षा मे तत्पर
यह अपने देश की सुरक्षा मे तत्पर
पर एक दूसरे के कट्टर दूश्मन
गोली का जवाब गोली से
यह सब तो ठीक है
पर विश्वास घात ??
आंतकवादी को शह देना
धोखे से वार करना
मानव बम बन मानव की हत्या
यह तो सरासर कायरता
लडाई आमने सामने की हो
मुख पर प्रंशसा
पीठ मे छूरा
ऐसा पडो़सी
यह बहुत बडी विडंबना हमारी
शक्तिशाली होते हुए लाचारी
इसी का फायदा उठा रहा है हमारा यह पडो़सी
मजबूर हो गए हैं हम
मानवता की हत्या हम नहीं कर सकते
और वह इसे हमारी कमजोरी समझ रहा है
Hindi Kavita, Kavita, Poem, Poems in Hindi, Hindi Articles, Latest News, News Articles in Hindi, poems,hindi poems,hindi likhavat,hindi kavita,hindi hasya kavita,hindi sher,chunav,politics,political vyangya,hindi blogs,hindi kavita blog
Tuesday, 19 February 2019
कैसे करे मानवता की हत्या
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment