Saturday, 23 February 2019

जीवन को भरपूर जी लिया जाय

हंस लो गा लो
जिंदगी के गीत गुनगुना लो
यह पल फिर न आएंगे
धीरे धीरे जा रहा है
हम सोच रहे हैं
अभी तो बहुत समय बाकी है

इंतजार मत करो
जब हाथ -पैर थक जाएंगे
सुनने की क्षमता कम पड़ जाएगी
आँखों की दृष्टि क्षीण हो जाएगी
स्वयं का शरीर ही जवाब देने लगेगा

हर पल जी लो
खूबसूरत जहां को आँखों मे कैद कर लो
दूनिया - जहां की सैर कर लो
गीत और संगीत से प्रेम कर लो
कोई कसर न छोड़ो
जिंदगी का भरपूर आंनद लो
ताकि मन मे मलाल न रहे
अफसोस न हो
इतनी प्यारी जिंदगी मिली
उसे हम अपने ढंग से जी न पाए

शरीर को तो एक दिन साथ छोड़ना ही है
उम्र का पड़ाव तो आएगा ही
अब भी समय है
पतझड़ की प्रतीक्षा क्यों ??
वसंतोत्सव तो मना लिया जाय
जीवन को भरपूर जी लिया जाय

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