Friday, 22 February 2019

जल और जंग एक साथ नहीं

हम तुम्हें जल दे
तुम हमारा खून लो
हम तुम्हें जल से सींचे
तुम हमें लहूलुहान करो
पानी पिलाना शबाब का काम
पर तुम्हें पानी पिलाना
सांप को दूध पिलाने के समान

हम क्रिकेट खेले
तुम सरहद पर गोली चलाओ
हम दोस्ती का हाथ बढाए
तुम पीठ मे छूरा भोंको
हम तुम्हारे कलाकारों को सर आँखों पर बिठाए
तुम आंतकवादी गतिविधियाँ करो

हम समझौता एक्सप्रेस चलाए
तुम उसमें आंतकवादी भेजो
कब तक चलेगा
तुम्हारा खून ,खून
हमारा खून पानी
जब चाहे गोलियां दागो

कितना सबर करें
हम बड़़े भाई की भूमिका निभाए
तुम एक अच्छे पडो़सी भी न बन पाओ
हर वक्त बमबारी
आम नागरिक को भी नहीं बख्शा जा रहा
जन्नत को दोजख बना रहे
कश्मीर का राग अलाप रहा

न स्वयं चैन से रह रहा
न हमें रहने दे रहा
नाम तो है पाक
इरादे हमेशा रहते नापाक
कौन सी और कैसी भाषा समझता है
वह तो इसके आका ही जाने

हम तो गांधी के अहिंसावाद का पालन करनेवाले
खून खराबा तो स्वीकार नहीं
इसी का फायदा उठाता
बस अब और नहीं
हम जल दे
तुम जंग दो
जल और जंग यह एक साथ नहीं ।

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