Sunday, 21 April 2019

शहीद का सम्मान

हिंदू धर्म सहिष्णुता का पर्याय
हिंदू आंतकवादी नहीं हो सकता
हिंदू ने कभी किसी की धर्मस्थली नहीं गिरायी
तथाकथित
बाबरी मस्जिद को छोडकर
वह भी राम जन्मभूमि है
उस पर अधिकार हमारा ही बनता है
आज कुछ नेता श्राप की बात कर रहे हैं
कैसा और कौन सा श्राप??
ये लोग हमारे धर्म का अपमान कर रहे हैं
शहीदों का अपमान कर  रहे हैं
हिंदू धर्म सहिष्णु है तभी जिंदा है
हम तमाम प्रहारों के बाद भी असतित्व मे हैं
हमने न किसी का जबरन धर्म परिवर्तन कराया
हमने न किसी को प्रलोभन देकर अपने धर्म मे शामिल किया
फिर भी हम सम्मान के साथ खड़े हैं
हमें डर भी नहीं है
हम कट्टर भी नहीं है
अपने ढंग से पूजा अर्चना की आजादी है
कोई बंधन नहीं
ऐसा महान सनातन धर्म है हमारा
उसे ऐसे कट्टरपंथियो की जरूरत नहीं है
हेमंत करकरे जैसे लोग हिंदू घर्म के कारण ही है
कर्तव्य धर्म नहीं देखता
शहीद किसी के श्राप से नहीं
अपनी ड्यूटी देते हुए मरता है
उनका सम्मान हर भारतवासी को करना है
फिर वह साधु हो नेता हो या और कुछ
किसी को उनका अपमान करने का अधिकार नहीं

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