Saturday, 27 April 2019

सांप से दोस्ती संभलकर

एक हाल ही मे कहानी पढ़ी थी जो मन को छू गई
और सतर्क भी कर गई
एक बच्चे को घायल सांप मिला ,वह उसे अपने साथ ले आया
वह कुछ वक्त मे अच्छा हो गया
बच्चे को उससे दोस्ती हो गई
वह सांप उसके साथ ही रहने लगा
कुछ वक्त बीता ,अचानक उसे सांप निस्तेज दिखाई देने लगा
उसने खाना पीना भी छोड़ दिया था
लड़का उसे लेकर वैद्य जी के पास गया
वैध जी ने उससे पूछा
वह उसके साथ ही सोता है
उसने हाँ कहा
वह रात को शरीर तानता है
उसने हाँ कहा ,बताया बेचैन भी रहता है
वैध जी ने कहा कि खाना -पीना छोड़ दिया है
वह भी सही था
वैध जी ने कहा
यह बीमार नहीं है ,रात को तुम्हारा शरीर नापता है कि निगल पाऊंगा या नहीं
दूसरा भूखा है जानबूझकर कि पचाने मे आसानी हो
यह सांप है यह जहर ही उगलेगा
ऐसे ही हमारे आसपास ऐसे लोग रहते हैं
सहानुभूति के नाम पर सब जान लेते हैं और धोखे देने की फिराक मे रहते हैं
ये सामाजिक सांप है
इनको पहचानकर दूरी बनाए रखें
न जाने कब डस ले

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