Tuesday, 16 April 2019

निसर्ग

नैसर्गिक सुंदरता तो लाजवाब है
निसर्ग सुंदरी जब शबाब पर होती है
तब शमा भी रंगीन होती है
हर पत्ता डोलता है
हर डाली झूमती है
हर फूल मुस्कराता है
मिट्टी भी महकती है
मौसम अंगडाइया लेता है
कण कण लहराता है
बल खाता है
सब उसके सामने नतमस्तक
सब उसमें सराबोर
हर जीव
सॄष्टि के समक्ष खुशी बिखेरते
जीवन का महत्व समझाती
पतझड़ से वसंत का सफर
यह भी सुंदर है
वह भी सुंदर है
सारा जग सुंदर है
हर रूप सुंदर है

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