नींव नहीं आती
यह है परेशानी
यह स्वयं तो नहीं आती
पर अपने साथ भूत ,भविष्य और वर्तमान को ले आती है
सारी रात जगाती है
परेशान करती है
मन भटकाती है
बेचैन करती है
यह किसी की नहीं सुनती
अपने मन की करती है
कभी-कभी तो बेवक्त आ हंसी की पात्र भी बनाती है
जब आना होगा तब आएगी
इसको तो खरीद भी नहीं सकते
जिसके पास जाना होगा जाएगी
सारी कोशिश बेकार
किसी के पास नहीं इसका इलाज
जिस पर यह फिदा
वह सबसे सुखी
आज की भागदौड़ मे यह बहुत जरूरी
तनावमुक्त होना है
तब नींद की मेहरबानी जरूरी
Hindi Kavita, Kavita, Poem, Poems in Hindi, Hindi Articles, Latest News, News Articles in Hindi, poems,hindi poems,hindi likhavat,hindi kavita,hindi hasya kavita,hindi sher,chunav,politics,political vyangya,hindi blogs,hindi kavita blog
Thursday, 30 May 2019
नींद की मेहरबानी
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment