Friday, 31 May 2019

हवा मेरी जान

हवा की रफ्तार
कभी तेज कभी धीमी
कभी-कभी लगता
रूक सी गई हो
पर वह तो उसकी फितरत में नहीं
रुकना तो वह जानती नहीं
लोगों की सांसे उससे जुड़ी हुई
वह दिखती तो नहीं
महसूस होती है
उसका अस्तित्व है
उसका अपना स्थान
हर जगह उसका वास
रोक टोक सहन नहीं
ऐसे तो शांत
पर जब उग्र होती है
तब किसी को नहीं छोड़ती
जीवनदायिनी तो है
जीवन ले भी सकती है
यहाँ वहाँ अपनी रौ में बहती है
बहुत कुछ कहती है
चेतावनी देती है
सचेत करती है
सबसे प्रेम भी करती है
बिना स्वार्थ के सब पर कृपा बरसाती है
कोई भेदभाव नहीं करती
हवा हमारी जान है।

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