कोयल की कू कू
कर्कश लग रही है
लगातार चिल्ला रही है
कान फटे जा रहे हैं
यह है कि रूकने का नाम नहीं लेती
अचानक ऐसा क्यों लगा
ज्यादती किसी भी चीज की अच्छी नहीं होती
मिठास भी कभी-कभी जहर बन जाता है
हर का अपना अपना महत्व
तीखापन भी स्वादिष्ट लगता है
सही मात्रा में हो तब
कौए की कर्कशता
कोयल की मधुरता
हमेशा एक सी लगे
यह जरूरी तो नहीं
समय और परिस्थितियों तय करती हैं
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