इतना तनाव ,डिप्रेशन
अपने पूरे परिवार को खत्म कर दिया
चाकू गोद गोद कर
उसमें आठ , तीन और एक ढेड महीने की मासूम बच्ची
क्या परेशानी थी इस व्यक्ति को
इतना हिंसक हो गया
पत्नी और बच्चों की जान ले ली
पढा लिखा शिक्षक
आज देखा जाये तो
सब डिप्रेश हैं
छोटी सी बात पर जान ले लेना
आत्महत्या कर लेना
धीरज का अभाव
आक्रोश से भरपूर
आक्रमणकारी हो गया है समाज
सहनशीलता खत्म होती जा रही है
सोचने की शक्ति बची नहीं
आधुनिकता हावी हो गई है
इच्छा पूरी नहीं हो रही
इसके लिए कोई भी कदम उठा लो
मार काट को तत्पर
इंसानियत का अभाव
स्वार्थी प्रवृत्ति
इसी का परिणाम यह सब
यह अकेले दिल्ली की घटना नहीं
हर कोने से ऐसी खबरें
इससे तो वनमानुष भला था
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Sunday, 23 June 2019
दिल्ली की दिल दहलाने वाली घटना
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