Sunday, 30 June 2019

पीपल को लोग भूल जाएँगे

सडक पर पीपल खडा रहता था
अपनी डालियों और पत्तियों के साथ लहलहाता
आज धडाम से गिरा पडा है
रास्ता अवरुद्ध है
उसके टुकड़े टुकड़े कर हटाना है
नगरनिगम वाले आएगे
काटकर हटाएगे
यह तो बहुत मजबूत था
बरसों पुराना था
न जाने कितनी पीढियों का इससे रिश्ता था
जुडाव और लगाव था
पूजा होती थी
औरते अपने सुहाग सलामती की दुआ मांगती थी
पूरी ,कढाई ,चुनरी चढाई जाती थी

अरे ! यह क्या
सडक को चौडा करना है
गड्ढे खोद दिए गए हैं
उसमें नीचे उसकी जडे भी आ गई
उखाड़ दी गई
आखिरकार तेज हवा के थपेडों को सह न पाया
धडाम से गिर पडा

कोई कहता
इस पर भूत  रहते
कोई कहता
भगवान वासुदेव का निवास
विज्ञान कहता
सबसे ज्यादा ऑक्सीजन देता

जो दूसरों को प्राणवायु दे रहा था
अपने प्राण न बचा सका
उसका पत्ता ह्रदय के आकार का
पर किसी ने उसके ह्रदय की परवाह न की
आज सडक पर पडा है
जार जार रो रहा है
लावारिश है
कुछ समय बाद गाडी आएगी
उसे लादकर ले जाएगी
सब कुछ वैसा ही रहेगा
सडक और चौडी हो जाएगी
उस जगह कुछ गाडियाँ पार्क हो जाएगी
पीपल को लोग भूल जाएँगे

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