हवा चल रही है
कितना सुकून दे रही है
पर यह भी शायद कुछ समय तक
यह रूक जाएगी
बह नहीं पाएगी
सामने बहुमंजिला इमारत बन रही है
काम जारी है
जिस दिन यह बन कर खडी हो जाएगी
हवा अपने आप रूक जाएगी
हम भी ए सी में कैद हो जाएँगे
पंखे की गर्म हवा खाएंगे
हवा बेचारी लाचार हो जाएगी
बहना चाहेगी
पर बह नहीं पाएगी
उसे भी बांध दिया जाएगा ।
Hindi Kavita, Kavita, Poem, Poems in Hindi, Hindi Articles, Latest News, News Articles in Hindi, poems,hindi poems,hindi likhavat,hindi kavita,hindi hasya kavita,hindi sher,chunav,politics,political vyangya,hindi blogs,hindi kavita blog
Wednesday, 19 June 2019
हवा लाचार है
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment