आज की सुबह कितनी खूबसूरत है
धरती माता जी भर कर नहाई है
स्वच्छ और शुभ्र
खिली खिली सी
सुगंधित ,महकती
खुशबू बिखेरतीं
भीनी भीनी सी
भीगी भीगी सी
गजल सी
सुंदर कविता सी
गुनगुना रही है
गर्मी से तपन से छुटकारा मिला
तृप्त हो उठी है
प्रसन्न और प्रफुल्लित
तभी तो सब पर खुशी बिखेर रही है
अपनी गोद में ले
हौले हौले से दुलरा रही है
सब चहक रहें हैं
खिलखिला रहे हैं
आनन्दित है
सूखे से हरे हो रहे हैं
नहा उठे हैं मन भर
माँ प्रसन्न
तभी अपनी कृपा सब बना रही है
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Thursday, 13 June 2019
आज की सुबह
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