मुंबई पर कृपा हुई
बारिश भी झमझम हुई
समुंदर भी उफान पर
सब किनारे मौज मजा कर रहे
गर्मी से राहत
इसका दूसरा पहलू
गटर भी भरे लबालब
सडके डूबी पानी में
ट्रेफिक हुआ जाम
पेड गिर रहे
जर्जर मकानों की हालत बेकार
जाने जा रही
उसके लिए कौन जिम्मेदार
सरकार
प्रशासन
महानगर पालिका
मुंबईकर
इसका तो उत्तर अनुत्तरित
शंघाई तो दूर
संघर्षों का शहर
कब तक यही चलता रहेगा
हर वर्ष ऐसे ही
इंतज़ार है
समुंदर में समाने का
आज पानी पानी
आने वाले कल में पानी में
माया नगरी
आर्थिक राजधानी
लघु भारत
इसकी नियति में
अच्छे दिन कब आएगे
No comments:
Post a Comment