Sunday, 14 July 2019

ऐसे अपनापन से अकेलापन भला

लोग कहते हैं
वह बात नहीं करती
पता नहीं अपने आप को क्या समझती है
बिना उसके बारे में जाने अनाप शनाप
बात किया तो प्रश्नों की झड़ी
खोद खोद कर बात निकालना
प्रश्न पर प्रश्न पूछना
पता नहीं क्या मिल जाता है लोगों को
किसी की दुखती रग पर हाथ रखने से
गए थे मूड फ्रेश करने के लिए
और बोझा उठा लाए
चर्चा का विषय बन गए
इससे तो अकेला भला
लोग सोचते हैं कि
हम ताना भी कसे
सामने वाला बात भी करे
यह तो संभव नहीं
आप किसी के मुंह पर थूकते रहे
वह बेचारा पोछते रहे
मुस्कराता रहे
आपकी बातों का जवाब देता रहे
जनाब बाज आए
हरकत बदलो
तब बात करो
वरना अपना रास्ता पकडो
ऐसा अपनापन से अकेलापन भला

No comments:

Post a Comment