Monday, 15 July 2019

पहचानो मुझे

तेरा इंतज़ार सबको
तू हर महीने आती है
आने में लंबा इंतजार कराती है
आती है तो खुशियाँ ले आती है
मेरे साथ सबको प्रसन्न कर जाती है
खाना - पीना ,कपडा - लत्ता
सब तेरे ही जिम्मे
पर तू ठहरना नहीं जानती
आती  है धीरे-धीरे
जाती है फर फर भागती
कितना भी बचाने की कोशिश करें
पर रूकती कहाँ है
जाते जाते कंगाल कर जाती है
हमेशा इंतजार करवाती है
आने को तो पहली तारीख
पर कहाँ समय से आती है
सबकी जरूरत हूँ
गरीब हो या अमीर
पढा लिखा या अनपढ़
कोई भी धर्म कोई भी जात
कोई भी प्रांत कोई भी देश
पहचानो मैं कौन हूँ

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