Sunday, 28 July 2019

कलम हमारी हो

अपने जीवन की कहानी स्वयं ही लिखनी है
किसी दूसरे से नहीं
अपने पेन को अपने हाथों में ही रखना है
सोचना है समझना है
शब्दों में तालमेल बिठाना है
अच्छी शब्दावली का इस्तेमाल करना है
विचार हमारे है
किसी और का नहीं
हम कठपुतली नहीं है
डोर पर कोई नचाए
यह कहानी साधारण नहीं है
असाधारण है
जीवन समाया हुआ है
पूरा जीवन दर्शन है
वह शानदार हो
दूसरे के लिए भी मिसाल हो
कलम भी हमारी हो
जब जीवन हमारा है

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