Tuesday, 23 July 2019

तू भी धन्य हो जाएगी

जहाँ तेरी जरूरत है वहाँ तू जाती नहीं
जहाँ जरूरत नहीं वहाँ जम कर आती
सूखा पडा है जहाँ
जमीन बंजर हो रही है जहाँ
फसल आस लगाये राह देख रहे
वहाँ तू सबको तरसा रही
कहीं आ रही तो जम कर आ रही
अपने साथ बाढ का प्रकोप ला रही
अतिवृष्टि कर रही
लोग बेघर हो रहे
उनका जीवन लील रही
तेरी यह विध्वंसक लीला समझ नहीं आ रही
कुछ को तडपा रही
कुछ को तर बतर कर रही
तेरी जरूरत तो सभी को
तू अपनी कृपा सब पर बरसा
पर संयम से
तब सब लहलहाएगे
तू भी धन्य हो जाएगी

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