जन्मदिन आता गया
हम मनाते गए
केक काटते रहे
कैंडल बुझाते रहे
उपहार लेते रहे
पार्टी करते रहे
दोस्तों और परिवार से मिलते रहे
बहाना होता
हर साल खुशियाँ बांटने का
मिलने मिलाने का
तोहफा देने दिलाने का
यह जानते हुए
साल दर साल उम्र घट रही
उस पर भी हम जश्न मनाते रहे
जिंदगी को सेलीब्रेट करते रहे
पता नहीं
अगला साल आए या न आए
आज जी ले
जी भर कर मौज मना ले
मनमानी कर ले
कौन जाने
कल हो
या
न हो
आज तो अपना है यारों
जब अपना तब
धूम मचाने से क्यों बचना
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