Monday, 21 October 2019

कल का क्यों सोचे

हमेशा भयभीत रहना
कल क्या होगा
अच्छा या बुरा
कौन सी आपदा आएगी
इसी उधेड़बुन में
कर कुछ नहीं कर सकते
हमारे हाथ में कुछ भी नहीं
यह जीवन ही नहीं
तब जीवन का ताना बाना क्यों बुने
क्यों नहीं आज क्या
अब मे ही जीए
मृत्यु जीवन का अटल सत्य
उसका समय अनिश्चित
तब जीवन कैसे निश्चित
हम जो चाहे वह हो यह भी संभव नहीं
हम तो नियति के हाथों की कठपुतली है
लाभ - हानि ,जीवन - मरण ,यश - अपयश
सब विधि हाथ

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