Friday, 13 December 2019

कभी ऊपर ही न उठ पाए

किसी ने मेरे छोटे कद पर मारा ताना
किसी ने मेरी बैठी हुई गर्दन पर मारा ताना
किसी ने मेरे रंग पर मारा ताना
किसी ने मेरे मोटापे पर मारा ताना
हमेशा मेरे भोलेपन का फायदा उठाया
मजाक बनाया
अपने गिरेबान में झांका नहीं उन लोगों ने
किसी को उल्टा जवाब नहीं दिया
उसका परिणाम है यह
मेरे ऐसे स्वभाव को कमजोरी समझा
इतने नासमझ कैसे हो गए
मुझ जैसा बनना तो वह सोच ही नहीं सकते
होने की बात तो दूर की
ये नादान तो शिक्षा का भी मजाक उडाते है
शिक्षक का भी
समझ नहीं पाते
अपने बच्चों के आगे कौन सा आदर्श प्रस्तुत कर रहे हैं
किसी की बुराई
किसी का मजाक
किसी की चुगली
किसी को नीचापन दिखाना
ऐसा न हो कि नीचा दिखाते दिखाते इतना नीचे हो जाय
कि कभी ऊपर ही न उठ पाए

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