हर किताब की एक कहानी
पन्नों को पल्टा
हर पन्ना कुछ कहता
कभी कुछ अच्छा
कभी कुछ नागवार
पर उस पन्ने को किताब से अलग नहीं किया
उसके बिना तो किताब अधूरी
पसंद हो या नापसंद
है तो उसी का एक भाग
हर भाग और हिस्सों को जोड़ कहानी का निर्माण
किसमें कितना वक्त लगा
किसने दिल को झकझोरा
किसने पीडा दी
इसका हिसाब किताब नहीं
कुछ पन्नों को बार बार पल्टा
कभी ऑखों में ऑसू आए
कभी होठों पर हंसी छलकी
कभी किसी में जिंदगी मुस्कराई
यह उस रचनाकार की रचना
जिसका प्रमुख किरदार तो हम हैं
कहानी भी तो हमारे ही इर्द-गिर्द घूमती है
तब उस पन्ने को अलग कैसे करे
वह तो जुड़ा हुआ है
हिस्सा है
उसे न काटा जा सकता है
न छाटा जा सकता है
न अलग किया जा सकता है
न फाडा जा सकता है
बस उसके साथ जीया जा सकता है
Hindi Kavita, Kavita, Poem, Poems in Hindi, Hindi Articles, Latest News, News Articles in Hindi, poems,hindi poems,hindi likhavat,hindi kavita,hindi hasya kavita,hindi sher,chunav,politics,political vyangya,hindi blogs,hindi kavita blog
Thursday, 5 December 2019
हर किताब की एक कहानी
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment