Thursday, 26 December 2019

तभी तो धर्म आज तक कायम है

आज ग्रहण था
माँ की तैयारी शुरू थी
कुछ खाना पीना नहीं
फिर ग्रहण छूटने पर नहाना धोना
अपने भगवान को नहलाना
मंदिर की साफ सफाई करना
यह सब अनवरत चल रहा था
इतनी श्रद्धा कि आज  हमारे भगवान पर ग्रहण लगा है
उन पर मुसीबत आई है
उनको छुडाने के लिए दान देना
एक बात दिमाग में कौंधी
भगवान ही नहीं
भक्त भी भगवान को मुसीबत से उबारते है
कितनी आस्था
कितना सुन्दर रिश्ता
भक्त और भगवान का
विज्ञान चाहे जो कहता हो
पर भक्त और भगवान का यह रिश्ता
है कितना सुंदर
कितना विश्वास भरा
तभी तो धर्म आज तक कायम है

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