आज ग्रहण था
माँ की तैयारी शुरू थी
कुछ खाना पीना नहीं
फिर ग्रहण छूटने पर नहाना धोना
अपने भगवान को नहलाना
मंदिर की साफ सफाई करना
यह सब अनवरत चल रहा था
इतनी श्रद्धा कि आज हमारे भगवान पर ग्रहण लगा है
उन पर मुसीबत आई है
उनको छुडाने के लिए दान देना
एक बात दिमाग में कौंधी
भगवान ही नहीं
भक्त भी भगवान को मुसीबत से उबारते है
कितनी आस्था
कितना सुन्दर रिश्ता
भक्त और भगवान का
विज्ञान चाहे जो कहता हो
पर भक्त और भगवान का यह रिश्ता
है कितना सुंदर
कितना विश्वास भरा
तभी तो धर्म आज तक कायम है
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Thursday, 26 December 2019
तभी तो धर्म आज तक कायम है
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