Tuesday, 4 February 2020

साथ मत छोड़ो

आज की हवा कुछ सर्द है
खामोश है
चल रही है हौले हौले
पर वह बात नहीं है
तब क्या बात हो गई
तुम बेगानी सी क्यों होने लगी
वह चंचलता
वह अक्खड़पन
वह डोलना
वह सरसराहट
कुछ भी तो नहीं
मुस्कान भी गायब
उदास हो
क्यों कुछ ऐसी हो
किसने कुछ कहा
कुछ कहा सुनी हुई
यह सब तो होता है
जब साथ है
तब तक ही तो पास है
दूर जाने पर कौन किसका ?
यह उदासी छोड़ो
झूमो ,नाचो ,गाओ
क्या रखा है
सब यही रह जाना है
बस याद ही बाकी रहना है
बतिया लो जी खोलकर
कह सुन लो जी भर कर
बस उदास मत हो
साथ मत छोडो

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