Wednesday, 25 March 2020

निर्भया के दोषियों के वकील ए पी सिंह

बहुत समय से चल रहा था निर्भया केस
चर्चित भी रहा
समाचार की सुर्खियाँ बनता रहा
दो लोग इसमें खास थे
एक निर्भया की माँ आशा देवी
दूसरे आरोपियों के  वकील ए पी सिंह
एक सजा दिलाना चाहती थी
दूसरा माफी दिलाना चाहता था
दोनों अपने मैदान में डटे थे
बहुत आलोचना भी हुई ए पी सिंह की
पर वह डटे रहे मैदान
उनका पेशा जो था
अपने मुवक्किल की पैरवी करना
हर संभव कोशिश की
सात साल का समय लगा दिया
सारे दांव पेंच लगाए
संविधान की हर धारा का उपयोग किया
और चाहे जो कोई कुछ कहे
पर काबिल वकील तो अवश्य है
पेशे में पूरी ईमानदारी
न किसी दवाब के आगे झुके
न केस को मंझधार में छोड़ा
जी जान से लडे
अब तो मुजरिमों को फांसी हो गई है
एक माँ जीती
दूसरा वकील साहब भले बचा न सके
उम्र कैद तक न ला सके
पर उन्होंने प्रयास नहीं छोड़ा
क्या सही होता
क्या गलत होता
वह तो खत्म
पर एक बात तो माननी पडेगी
जो अपराधी के लिए इतनी शिद्दत से लड सकता है
वह बेगुनाह को तो सजा होने ही नहीं देगा
आखिर कितने लोग हैं
जो अपने पेशे के प्रति ईमानदार हैं

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