Saturday, 25 April 2020

प्यार की भाषा

यह शरारत से भरी ऑखे कुछ कहती है
यह मुस्कराते से होठ कुछ कहते हैं
यह घुंघराले से लहराते केश कुछ कहते हैं
यह खनखनाती चूडियों की आवाज कुछ कहते हैं
यह पायल की छम छम कुछ कहती  हैं
यह माथे की झिलमिलाती बिंदिया कुछ कहती हैं
यह दमकता चेहरा कुछ कहता है
यह मस्तानी चाल कुछ कहती है
यह झनझनाती हंसी कुछ कहती है
यह कोयल सी मीठी बोली कुछ कहती है
सबकी भाषा एक ही
सबका सुर एक ही
सबका कारण एक ही
वह है प्यार
जिसको प्यार मिल गया
उसका पूरा जीवन ही खनक गया

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