कभी-कभी मन करता है
कुछ न बोलो
कुछ भी न बोलो
बस खामोश रहो
न किसी से सवाल
न किसी से जवाब
न किसी से उलझना
न किसी से तर्क वितर्क
बस सबसे दूर
अपने आप में मशगूल
तब कितनी शांति
न झिकझिक
न टिक टिक
न कोई झंझट
न कोई तकरार
न इकरार
न इसरार
तब कितनी शांति
यह शांति शायद किसी को रास आती
किसी को नहीं
लेकिन फिर भी कुछ बात तो है
खामोशी भी लाजवाब है
कभी-कभी मन करता है
कुछ न बोलो
कुछ भी न बोलो
Hindi Kavita, Kavita, Poem, Poems in Hindi, Hindi Articles, Latest News, News Articles in Hindi, poems,hindi poems,hindi likhavat,hindi kavita,hindi hasya kavita,hindi sher,chunav,politics,political vyangya,hindi blogs,hindi kavita blog
Sunday, 26 April 2020
कुछ भी न बोलो
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment