Monday, 13 April 2020

वह भी उदास है

यह सुनसान सड़क
कभी हलचल से भरी
आज सुनसान पडी है
चहल पहल रहती थी
वहाँ शांतता पसरी पडी है
ऐसा सन्नाटा छाया
कि पेड़ पौधे भी खडे हैं
नीरव शांति से
बिना इंसान के तो यह भी उदास
क्योंकि उनकी देखरेख
उनका रखवाला
उनको पानी देने वाला
आज घर में बंद है
वह मजबूर हैं
तब यह मदद करना चाह रहे हैं
पर कर न पा रहे हैं
देख रहे हैं
वह भी उदास हैं

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