Tuesday, 28 April 2020

दिल और दिमाग

दिल और दिमाग
दोनों एक ही शरीर में
दोनों एक-दूसरे से बिलकुल अलग
जो दिल कहता है
वह दिमाग़ माने यह जरूरी नहीं
कभी-कभी दिमाग दिल के आगे हार जाता है
सब कुछ जानते समझते हुए भी
वह बहुत कुछ कर जाता है
जो नहीं करना चाहिए
दिल हार सकता है
दिमाग नहीं
दिल हमेशा जीता है
कभी-कभी लोग अपने आप को ठगा भी महसूस किया है
लगता है
यह हमने क्या किया
जब दिल 'दिमाग पर हावी हो जाता है
तब तो उसकी ही चलती है
सावन के अंधे को हरा ही हरा दिखाई देता है
वैसे ही दिल जिसको चाहता है
उस पर सब लूटा देता है
किसी के कहने का कोई असर नहीं होता
वह हार या जीत की परवाह नहीं करता
पतंगे को पता है
वह दिए के पास जाएंगा तो मरना ही है
फिर भी वह जाता है
भौंरा कमल के पास जाता ही है
दिमाग वाले धोखा तो नहीं खाते
अच्छा बुरा सोच कर आगे कदम रखते हैं
वह व्यापारी जैसे होते हैं
फायदा और नुकसान देख कर काम करते हैं
घाटे का सौदा नहीं करते
पर जीवन तो व्यापार नहीं है
उसमें एक छोटा सा खूबसूरत दिल बसता है
वह त्याग करता है
दूसरो की खुशियों में खुशियाँ ढूढता है
कभी रोता है
कभी हंसता है
कभी लूट जाता है
पर फिर भी दिल तो दिल है
उसी से तो दुनिया है

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