कभी खाकी कभी सफेद
यह रक्षा करने में रहते हर वक्त तत्पर
सुकून से जीते हम
पता है हमको
मुसीबत की घडी में साथ देंगे ये
जीवन रक्षक हैं हमारे
निश्चिंत रहते हम
ये ईश्वर तो नहीं है
पर उनसे कम भी नहीं है
जीवन की आस बंधी रहती इनसे
आशा और विश्वास रहता इन पर
कठिन परिस्थिति से ये तो हमें उबार ही लेंगे
निर्भिक रहते हैं हम
ये वैसे तो हमारे कुछ लगते नहीं है
पर कुछ खास रिश्ता होता है इनसे
तभी तो मुसीबत की घडी में ये ही याद आते हैं
ये रहे सलामत
तब हम भी रहेंगे सलामत
इनकी सलामती की दुआ हर देशवासी के मन में
सलामत रहे
हमारे सफेद और खाकी
यह इनकी पहचान
इनका करना हमेशा सम्मान
Hindi Kavita, Kavita, Poem, Poems in Hindi, Hindi Articles, Latest News, News Articles in Hindi, poems,hindi poems,hindi likhavat,hindi kavita,hindi hasya kavita,hindi sher,chunav,politics,political vyangya,hindi blogs,hindi kavita blog
Sunday, 26 April 2020
हमारे सफेद और खाकी
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment