Friday, 15 May 2020

हमें गाँव जाना है

सबको गाँव जाना है
किसी भी तरह
ऐसा आखिर क्या है वहाँ
अगर था तो फिर आए क्यों यहाँ
हाँ आए थे
रोजगार की तलाश में
कुछ कर गुजरने के लिए
बडा बनने के लिए
पैसा कमाने के लिए
अमीर बनने के लिए
अपना घर छोड़ा
गाँव छोड़ा
पर लगाव नहीं
रहते थे यहाँ
मन था वहाँ
उस मिट्टी में जन्मे
पले बढे है
खेले कूदे है
उसने नहीं भगाया
हम छोड़ आए थे
आज फिर जा रहे हैं
पता है
वह हमें भूख से मरने नहीं देंगी
वह शहर नहीं है
कमाया तो खाया
किराया दिया तो रहा
वह तो अपनी गोद में फिर लेगी
दुलराएगी
खाना भी खिलाएगी
जो रहेगा
जैसा रहेगा
वह भगाएगी नहीं
मजबूर नहीं करेंगी
तभी तो सबको गाँव जाना है

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